वंदे भारत मेट्रो, लखनऊ से कानपुर 42 मिनट और सीतापुर 45 मिनट में, ये हैं मुख्य आकर्षण

Vande Bharat Train, Vande Bharat Metro Lucknow to Kanpur and Sitapur

भारतीय रेलवे द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, नई हाई-स्पीड वंदे मेट्रो के साथ लखनऊ से कानपूर आने-जाने वाले यात्रियों को भविष्य में आसानी होगी। देश भर में चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस की तर्ज पर वंदे मेट्रो उसी का एक छोटा वर्जन होगा।

लखनऊ से कानपुर 42 मिनट में और सीतापुर 45 मिनट में पहुँचाया जायेगा जिसकी 130 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से चलने की उम्मीद है।

Vande Bharat Metro Train का आकार छोटा होगा, जिसमें 8 कोच होंगे, जबकि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में 16 कोच हैं।

आना-जाना होगा और आसान:

इस मेट्रो सुविधा के पीछे का कॉन्सेप्ट देश के शहरों को जोड़ना और यात्रियों को तेजी से शटल जैसा अनुभव प्रदान करना है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस परियोजना पर काम चल रहा है और इसका डिजाइन इस साल पूरा होने की उम्मीद है। 

छोटे शहर से लोग काम के लिए बड़े शहर में आना पसंद करेंगे और बिना कष्ट के अपने घर वापस चले जाएँगे। इसके लिए हम वंदे भारत के जैसी 'वंदे मेट्रो' लेकर आ रहे हैं। डिज़ाइन और उत्पादन इस साल पूरा हो जाएगा, और अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 में, ट्रेन के उत्पादन का एक रैंप-अप किया जाएगा," रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा।

इसके लिए लखनऊ-कानपुर और लखनऊ-सीतापुर रूट पर सर्वे किया गया था, अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही अन्य मार्गों पर भी सर्वे किया जाएगा। लखनऊ से उपरोक्त स्थानों पर आने-जाने वाले हजारों यात्रियों के लिए कानपुर और सीतापुर जैसे रूटों को प्राथमिकता दी जाएगी।

वंदे मेट्रो ट्रेनें हाई फ्रीक्वेंसी पर चलाई जाएंगी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुलासा किया कि भारतीय रेलवे की योजना इन ट्रेनों को उन शहरों के बीच चलाने की है जो 100 किलोमीटर से कम दूरी पर हैं।

वन्दे मेट्रो ट्रेन का मुख्य आकर्षण:

वंदे मेट्रो का कॉन्सेप्ट यूरोप की 'रीजनल ट्रांस' ट्रेनों जैसा बताया जा रहा है। ये लोकल ट्रेनों की तरह होंगी लेकिन बहुत तेज चलेंगी। यह एक रैपिड ट्रेन होने जा रही है जो यात्रियों को विश्व स्तरीय शटल जैसा अनुभव देगी।

  1. वंदे मेट्रो ट्रेन का आकार छोटा होगा, जिसमें मेट्रो ट्रेन जैसे केवल 8 ही कोच होंगे।
  2. 130 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से चलने की उम्मीद है, ये ट्रेनें न केवल दो शहरों के बीच यात्रा के समय को कम करेंगी बल्कि ये बायो-टॉयलेट, CCTV, GPS और स्लाइडिंग दरवाज़ों जैसी आधुनिक सुविधाओं से भी लैस होंगी।
  3. वंदे भारत मेट्रो यात्रियों को एक अंतरिक्ष यान पर होने का एहसास देगी।
  4. वंदे मेट्रो को विकसित किया जा रहा है ताकि रोज़ मर्रा काम करने वाले लोगों और छात्रों को दैनिक आधार पर अपने घर से बड़े शहरों में स्कूल और ऑफिसेस तक आसानी से यात्रा करने में सक्षम बनाया जा सके।
रेल मंत्री ने आगे ये भी कहा कि आईसीएफ चेन्नई के अलावा, वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण लातूर (महाराष्ट्र), सोनीपत (हरियाणा) और रायबरेली (उत्तर प्रदेश) में भी किया जाएगा। वैष्णव ने कहा कि अगले वित्त वर्ष के अंत तक रेलवे हर हफ्ते करीब दो या तीन नई वंदे भारत ट्रेनें चलाने में सक्षम हो जाएगा।

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